गुरुदत्त हिंदी सिनेमा के पूर्व सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक हैं। गुरुदत्त अभिनेता होने के साथ-साथ फिल्म निर्देशक निर्माता कोरियोग्राफर और लेखक थे। गुरुदत्त को सीएनएन की 2012 की टॉप 25 एशियन एक्टर सूची में भी शामिल किया गया था। इनका वास्तविक नाम वसंतकुमार शिव शंकर पादुकोण है। इनका जन्म कर्नाटक के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। गुरुदत्त ने वर्ष 1946 में आज के दिन हम एक हैं से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। गुरुदत्त को सबसे अधिक उपलब्धि वर्ष 1957 में आए हुए प्यासा फिल्म से मिली। इस फिल्म में अभिनय करने के बाद उनके नाम के साथ ट्रेजेडी किंग लग गया था। गुरुदत्त ने हिंदी सिनेमा के अपने 20 वर्षों के सफर में 20 फिल्मों में ही काम किया।
गुरु दत्त का जन्म 9 जुलाई 1955 को कर्नाटक में रहने वाले चित्रपुर सरस्वत ब्राहमण परिवार में हुआ था । जन्म के समय इनका नाम वसंतकुमार शिव शंकर पादुकोण रखा गया था परंतु बाद में उसे बदलकर गुरुदत्त पादुकोण कर दिया गया। इनके पिता शिव शंकर राव पादुकोण पहले हेड मास्टर हुआ करते थे और बाद में वह बैंक में अपनी सेवा प्रदान करने लगे। इनकी माता वसंती एक लेखक और अध्यापिका हुआ करती थी। गुरु दत्त का बचपन अधिकतर भवानीपुर कोलकाता में ही गुजरा इसलिए वह बंगाली भी बहुत अच्छी बोल दिया करते थे। इनकी एक छोटी बहन है जिनका नाम ललिता लाजमी है। इनके तीन भाई हैं देवी, आत्माराम और विजय।
गुरुदत्त की शैक्षणिक योग्यता के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
वास्तविक नाम | वसंत कुमार शिव शंकर पादुकोण |
गुरु दत्त का जन्मदिन | 9 जुलाई 1925 |
गुरुदत्त की आयु | 39 वर्ष ( मृत्यु के समय) |
गुरु दत्त का जन्म स्थान | बेंगलुरु किंगडम ऑफ मैसूर ब्रिटिश इंडिया |
गुरु दत्त का मृत्यु स्थान | बॉम्बे महाराष्ट्र भारत |
गुरुदत्त की मृत्यु तिथि | 10 अक्टूबर 1964 |
गुरुदत्त की मृत्यु का कारण | शराब में नींद की अधिक गोलियां मिलाने के कारण परंतु यह निश्चित नहीं हो सका कि यह गलती से हुआ था या आत्महत्या थी। |
गुरुदत्त की राष्ट्रीयता | भारतीय |
गुरुदत्त के स्कूल का नाम | ज्ञात नहीं |
गुरुदत्त के कॉलेज का नाम | ज्ञात नहीं |
गुरुदेव की शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
गुरुदत्त की कुल संपत्ति | 11 करोड़ रुपए के लगभग |
गुरुदत्त का व्यवसाय | अभिनेता |
गुरुदत्त की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
गुरु दत्त के पिता का नाम | शिव शंकर पादुकोण |
गुरुदत्त की माता का नाम | वसंती पादुकोण |
गुरुदत्त की बहन का नाम | ललिता लाजमी |
गुरुदत्त के भाई का नाम | आत्माराम, देवी और विजय |
गुरु दत्त की पत्नी का नाम | गीता रॉय चौधरी |
गुरु दत्त के बेटे और बेटी का नाम | बेटे अरुण दत्त और तरुण दत्त, बेटी नीना दत्त |
गुरुदत्त की लंबाई | 5 फुट 8 इंच |
गुरुदत्त का वजन | 75 किलोग्राम |
गुरुदत्त का शारीरिक माप | छाती 40 इंच कमर 33 इंच बाइसेप्स 13 इंच |
गुरुदत्त की आंखों का रंग | गहरा भूरा |
गुरुदत्त के बालों का रंग | काला |
गुरुदत्त ने वर्ष 1946 में आई फिल्म हम एक हैं हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म में उनके अभिनय को खूब सराहा गया। वर्ष 1951 में उन्होंने बतौर निर्देशक बाजी फिल्म से पदार्पण किया। वर्ष 1953 में आई फिल्म बाज के वह अभिनेता भी थे और निर्देशक भी। वर्ष 1955 में आई फिल्म मिस्टर एंड मिसेस 55 से वह चर्चा में आए। दर्शकों द्वारा उनके अभिनय को खूब सराहा गया।
वर्ष 1956 में आई सी आई डी फिल्म के गुरुदत्त निर्माता थे। इस फिल्म में मुख्य अभिनेता का किरदार देव आनंद ने निभाया था। वर्ष 1957 में आई फिल्म प्यासा हिंदी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म में गुरुदत्त ने विजय नामक मुख्य अभिनेता का किरदार निभाया था। इस फिल्म में उनके सहायक अभिनेता और अभिनेत्री माला सिन्हा वहीदा रहमान रहमान जॉनी वॉकर थे। यह फिल्म एक मशहूर शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी के जीवन पर आधारित थी। इस फिल्म ने उस समय बॉक्स ऑफिस पर 29 लाख रुपए की कमाई की थी।
फिल्म का नाम | वर्ष | फिल्म का नाम | वर्ष |
हम एक हैं | 1946 | बाज़ी | 1951 |
जाल | 1952 | बाज़ | 1953 |
आर पार | 1954 | मिस्टर एंड मिसेस 55 | 1955 |
सीआईडी | 1956 | सैलाब | 1956 |
प्यासा | 1957 | 12 ओ-क्लॉक | 1958 |
कागज के फूल | 1959 | चौधवी का चांद | 1960 |
कला बाजार | 1960 | साहिब बीवी और गुलाम | 1962 |
सौतेला भाई | 1962 | भरोसा | 1963 |
10 अक्टूबर 1964 को गुरुदत्त पेडर रोड मुंबई के किराए के अपार्टमेंट में मृत पाए गए। ऐसा माना गया कि उन्होंने शराब में नींद की गोलियां मिलाकर पी लिया था और वह आत्महत्या करना चाहते थे। साथ ही साथ ही यह भी माना जाने लगा कि उन्होंने गलती से नींद की गोलियां नशे में ज्यादा मिला ली थी जिस वजह से उनकी मृत्यु हो गई। बाद में गुरु दत्त के बेटे अरुण दत्त ने इस बात का खुलासा किया कि अगले दिन उनका माला सिन्हा और राज कपूर के साथ आगामी फिल्म बहारें फिर भी आएंगी के लिए अपॉइंटमेंट था। इसलिए आत्महत्या करने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।
वर्ष 1963 सर्वश्रेष्ठ अभिनेता बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवार्ड फिल्म साहिब बीवी और गुलाम
वर्ष 1963 सर्वश्रेष्ठ फिल्म फिल्मफेयर अवार्ड फिल्म साहिब बीवी और गुलाम वर्ष 1963 नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स फिल्म साहिब बीवी और गुलाम
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